Madina sharif

जो हो चुका है जो होगा हुज़ूर जानते हैं नात लिरिक्स

जो हो चुका है जो होगा हुज़ूर जानते हैं
तेरी आता से ख़ुदाया हुज़ूर जानते हैं

खुदा को देखा नहीं और एक मान लिया
के जानते थे सहबा हुज़ूर जानते हैं

मुनफ़ीक़ो का अक़ीदा वो गेब दान नहीं
और साहबियो का अक़ीदा हुज़ूर जानते हैं

आइए इल्मे गैब के मुनकीर खुदा को देखा है
और तुझे भी कहना पड़ेगा हुज़ूर जानते हैं

खबर भी है? के खबर सबकी है उन्हें कब से
के जब ना अब था ना कब था हुज़ूर जानते हैं

उनके हाथ में क्या क्या तुझे खबर ना मुझे
खुदा ने कितना नवाज़ा हुज़ूर जानते हैं

वो मोमिनो की तो जानो से भी करीब हुए
कहाँ से किसने पुकारा हुज़ूर जानते हैं

इसीलिए तो सुलाया है अपने पहलू में
के यार ए गार का रुतबा हुज़ूर जानते हैं

उमर ने तन से जुदा कर दिया था सर जिस का
वो अपना है के पराया हुज़ूर जानते हैं

नबी का फ़ैसला ना मान कर वो जान से गया
मिज़ाज उमर का है कैसा हुज़ूर जानते हैं

वोही है पैकर ए शर्म ओ हैया ओ ज़ुन नूरैन
मक़ाम उनकी हया का हुज़ूर जानते हैं

हैं जिसके मौला हुज़ूर उसके हैं अली मौला
अबू तुरब का रुतबा हुज़ूर जानते हैं

यह खुद शहीद हैं बेटे नवासे पोते शहीद
अली की शान ए यगना हुज़ूर जानते हैं

मैं उनकी बात करूँ यह नहीं मेरी औक़ात
के शान ए फतेमा ज़हरा हुज़ूर जानते हैं

जीना मैं कौन हैं सरदार नोजवानो के
हसन, हूसेन के नाना हुज़ूर जानते हैं

कहाँ मरें गे अबू जहल ओ उतबा ओ शेइबा
के जंग ए बद्र का नक़्शा हुज़ूर जानते हैं

छुपा रहे है लगातार मेरे अयबों को
मैं किस क़दर हौं कमीना हुज़ूर जानते हैं

खुदा ही जाने उबैद उनको है पता क्या क्या
हमें पता है बस इतना हुज़ूर जानते हैं

नही है ज़ाद ए सफ़र पास जिन घुलामों के
उन्हें भी दर पे बुलाना हुज़ूर जानते हैं

तेरी आता से ख़ुदाया, हुज़ूर जानते हैं.