Ajmer Sharif

आझाद है हर गमसे जो उनका गुलाम है मनकबते गरीब नवाज लिरीक्स

आझाद है हर गमसे जो उनका गुलाम है
हर पल लबोपे जीसके ख्वाजा का नाम है...

शेरे खुदा के शेर है, झोहरा के दील का चैन
सब भुलजां तुं रीश्ते उनसे मीलाले नैन
नाना के दरसे पाए जो आला मकाम है...

ख्वाजाके दरसे दुर नही, मदीनेका रास्ता
बस शर्त है, खुदाको दे ख्वाजाका वास्ता
गर जोशमें रहेमत हो बन जाता काम है...

शाहो गदा भीखारी अमीरो गरीबका
गममें चैन पाने को है ठीकाना करीबका
राहतका जाम पीले, दो आंसु का दाम है...

मायुस कयुं होता है, रहेमते कदीरसे
अल्लाह से दीलायेंगे जो मीले ना तकदीरसे
मंझुर है खुदाको जो उनका निझाम है...

बगदाद की बहार तो करबल की बुं
मीले सदकेमें पंजतनके तुजे तेरी जुस्तजुं
मीले महेका दे रूहे ईमां जो गुलझारे आम है...

रहेमतकी तयबां से आई, हिन्दमें नहेर जो
महेबुब के महेबुब का खुदा संवारा शहेर जो
बागे ईरम के हुरो मलक, यहां करते कयाम है...

वाहिद” चले है संग “दिलावर”, को लीये हुए
भर भरके पीलाए मुजे, खुद भी पीए हुए
मंयख्वारे खाजामें दो मशहुर नाम है...