मुश्किल पड़े तो याद करो दस्तग़ीर को
बग़दाद वाले हज़रते पीराने-पीर को
या ग़ौस अल मदद, या ग़ौस अल मदद
या जीलानी शैअल लिल्लाह, या जीलानी शैअल लिल्लाह
ख़ुदा के फ़ज़ल से हम पर है साया ग़ौसे-आजम का
हमें दोनों जहाँ में है सहारा ग़ौसे-आज़म का
ख़ुदा के फ़ज़्ल से हम पर है साया ग़ौसे-आजम का
ख़ुदा के फ़ज़ल से हम पर है साया ग़ौसे-आजम का
या शाहे-जीलां करम है तेरा...
मेरे ग्यारवीं वाले पीर, गौस-ए-आजम दस्तगीर
तेरे दर का मैं फ़कीर, गौस-ए-आजम दस्तगीर
तेरा रुतबा बे-नजीर, ग़ौस-ए-आज़म दस्तगीर
मेरी चमका दी तकदीर, गौस-ए-आज़म दस्तग़ीर
हमारी लाज किस के हाथ है? बग़दाद वाले के मुसीबत टाल देना काम किस का?ग़ौसे-आज़म का
ख़ुदा के फ़ज़्ल से हम पर है साया ग़ौसे-आजम का
ख़ुदा के फ़ज़ल से हम पर है साया गौसे-आज़म का
मुहम्मद का रसूलों में है जैसे मर्तबा आ'ला
है अफ़ज़ल अवलिया में यूँ ही रुतबा गौसे-आज़म का
ख़ुदा के फ़ज़ल से हम पर है साया गौसे-आजम का
ख़ुदा के फ़ज़ल से हम पर है साया गौसे-आज़म का
जनाबे-गौस दूल्हा और बाराती अवलिया होंगे
मज़ा दिखलाएगा महशर में सेहरा गौसे-आजम का
निदा देगा मुनादी हश्र में यूँ कादरीयों को
किधर हैं क़ादरी कर लें नज़ारा ग़ौसे-आज़म का
मुखालिफ़ क्या करे मेरा कि है बेहद करम मुझ पर
ख़ुदा का, रहमतुल लिल-आलमीं का,गौसे-आज़म का
मेरे ग्यारवीं वाले पीर, गौस-ए-आजम दस्तगीर
तेरे दर का मैं फ़कीर, गौस-ए-आजम दस्तगीर
तेरा रुतबा बे-नज़ीर, ग़ौस-ए-आजम दस्तगीर
मेरी चमका दी तक़दीर, गौस-ए-आज़म दस्तगीर
जमीले-कादरी सो जान से कुर्बान मुर्शिद पर
बनाया जिसने मुझ जैसे को बन्दा ग़ौसे-आज़म का
ख़ुदा के फ़ज़्ल से हम पर है साया गौसे-आजम का
ख़ुदा के फ़ज़्ल से हम पर है साया गौसे-आजम का