(1) सरकारे मदीना صلاله عليه وسلم ने फ़रमाया : जो किसी रात में सूरए दुखान पढ़ेगा तो सुब्ह होने तक सत्तर हज़ार फ़िरिश्ते उस के लिये दुआए मग्फिरत करते रहेंगे ।
(2) नबिय्ये अकरम, नूरे मुजस्सम صلاله عليه وسلم ने फ़रमाया : जिस ने शबे जुमुआ में सूरए दुखान पढ़ी उस की मग़्फ़िरत कर दी जाएगी।
(3) रसूलुल्लाह صلاله عليه وسلم ने फ़रमाया : जो जुमुआ के दिन रात में सूरए दुखान पढ़ेगा अल्लाह जन्नत में उस के लिये एक घर बनाएगा । (मदनी पंजसुराह)