(1) हजरते सय्यिदुना अली رضي الله تالا أنه से रिवायत है कि मैं ने हुजूरे अकरम, नूरे मुजस्सम, शाहे बनी आदम, रसूले मुह्तशम, शाफ़ेए उमम صلاله عليه وسلم को येह फ़रमाते हुए सुना कि हर चीज के लिये जीनत है और कुरआने पाक की जीनत सूरए रहमान है।
(2) सरकारे नामदार, मदीने के ताजदार, बि इज्ने परवर्द गार दो आलम के मालिको मुख्तार, शहन्शाहे अबरार صلاله عليه وسلم ने इरशाद फ़रमाया : सूरए हदीद, और अर्रह़मान के पढ़ने वाले को ज़मीन व आस्मान के फिरिश्तों में साकिनुल फ़िरदौस (जनतुल फ़िरिदौस का रहने वाला) पुकारा जाता है।
(3) हज्रते जाबिर बिन अब्दुल्लाह رضي الله تالا أنه से रिवायत है कि सरकारे मदीना, राहते कुल्बो सीना, बाइसे नुजूले सकीना,फैज़ गन्जीना, साहिबे मुअत्तर पसीना صلاله عليه وسلم सहाबए किराम के पास तशरीफ़ लाए और सूरए रह़मान इब्तिदा से आखिर तक तिलावत फरमाई, और सब खामोश रहे । फिर आप ने फरमाया : मैं तुम पर येह कैसा सुकूत देख रहा हूं में ने येही सूरत जिन्नों की मुलाकात की रात उन पर तिलावत की तो उन्हों ने तुम से इन्तिहाई खूब सूरत और हसीन जवाब दिया, मैं जब भी इस आयत पर पहुंचा : फबि अय्यि आला ई रब्बी कुमा..तो उन्हों ने कहा: या'नी ऐ हमारे रब हम तेरी ने मतों: में से किसी भी शै को नहीं झुटलाते, सब ता रीफें तेरे लिये हैं।