Very Popular Sher/Aashar Collection


By ilmnoohai.com   ·  
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01: TOPI KE SHER

सुन्नी की फितरत नहीं पाबंदियों के साथ जीने की
गुलामी कब तक पाव में हमारे जंजीर डालेगी
मुसलमानो सर पर टोपीया रख कर चलो अपने
यही पहचान मुनाफिक का कालेजा चीर डालेगी

02: INSAAN KE SHER

इंसान तू कोई बेजान सा पत्थर भी नहीं है
तू कोई फरिश्ता या पयंबर भी नहीं है
तू इल्म चश्मा या समंदर भी नहीं है
पर रब की निगाहो में तू कमतर भी नहीं है
जो कुछ भी है अपनी हदो को पहचान
रहमान की पकड से तू बाहर भी नहीं है
दुनिया ना बसा दिल में के दुनिया की हकीकत
मचर के किसी पर के बराबर भी नहीं है

03. NAMAZI KE SHER

अपने किरदार का तू गाजी बंजा
कोई जीत ना पाए ऐसी तू बाजी बंजा
अर्रे गिराने वाले खुद बनायेंगे मस्जिद
शर्त ये है पहले तू नमाजी बन जा

04. ALA HAZRAT

हमे इश्क का दर्स जिसने दिया है
खुदा के वो मकबूल बंदे रजा है
ये उस पर मेरे मुस्तफा की अता है
जो अहमद रजा आला हजरत बने है
वो तकवे मे फतवे मे सबसे जुदा है
रजा मेरे आका का इक मोजिजा है
करे कोई आका की तौसीफ ऐसे
रजा ने बयां की है तारीफ जैसे
बोहोत से उलूमो के मालिक रजा है
वो यूं ही नहीं आला हजरत बने है
अरे मुंकिरो उनका मयार देखो
फकत इल्म क्या उनका किरदार देखो
वो खुशबू से सय्यद को पहचानते थे
वो अजमत भी सादात की जानते थे
दिलो में सरकार की उल्फत बसाया
उसी ने हमारा अकिदा बचाया
रजा से मुहब्बत है हम आशिको को
उसी ने सहारा दिया सुन्नियों को
रजा अहले सुन्नत की बुनियाद है
जो उस से जले समझो बर्बाद है
बगैर आबो दाना भी रेह लेगा सुन्नी
रजा के लिए जान दे देगा सुन्नी
हम सब रजा के रजा है हमारे
लगेगा यूंही आला हजरत का नारा
मेरा खयाल हमेशा तलाश करता है
बरेली शहर का नक्शा तलाश करता है
अरे सारे मुफ्ती हवाले को ढूंढते है
मेरे रजा को हवाला तलाश करता है

05. MAA KE SHER

मां से बडकर कोइ नाम क्या होगा
इस नाम का हमसे एहतेराम क्या होगा
जिसके मां के कदमों में जन्नत हो
उस मां के सर का मकाम क्या होगा

06. ZAINAB KE SHER

जबान नरगदा में जिस घड़ी खोली
अली की लाडली बेटी यजीद से बोली
वकारे सब्र हु तस्वीरे पंजेतन हु में
अदब से बात कर फातिमा की बेटी हु में

जैनब अबू तुराब की जीनत का नाम है
जैनब अमानतो की अमानत का नाम है
जैनब अली के खून की तहारत का नाम है
जैनब हुसेनियत की जरूरत का नाम है
माना के वजूदे शाह में पूरी है करबला
और उसमे जैनब ना हो तो अधूरी है करबला

आका के नवासो से ने मुसल्ला नही छोड़ा
सर तन से जुदा हो गया सजदा नही छोड़ा
दरबार में भी बोली तो तो लहजा ऐ अली में
जैनब ने किसी हाल में परदा नही छोड़ा

07. EK TARAF SHER

सरकारे दो आलम की सना कौन करेगा
सुन्नी ना करेंगे तो भला कौन करेगा
सजदे में है हुसैन खड़ा सर पे है कातिल
इस तरह सजदे को अदा कौन करेगा

जिस घर में भी लग जाता है
शैतान वहा से जाता है
हर मुल्क का झंडा एक तरफ
सरकार का झंडा एक तरफ
कहने को करोड़ों साजिद है
करते है इबादत सब लेकिन
वो सारी इबादत एक तरफ
शब्बीर का सजदा एक तरफ
हर एक वली सब गौसो कुतुब
साहिल है गोसे आजम के
वलियो की जमात एक तरफ
मेरा गौस तन्हा एक तरफ
कान में हरकत करता है
और चिर के वो रख देता है
जंगल का राजा एक तरफ
मेरे गौस का कुत्ता एक तरफ
क्या शान है साबिर ए कलियर की
खुद अपना जनाजा पढ़ते है
दुनिया की मय्यत एक तरफ
साबिर का जनाजा एक तरफ
अजमेर तो सब ही जाते है
सुलतानों याया एक तरफ
सब हिंद के राजा एक तरफ
अजमेर का ख्वाजा एक तरफ

08. ABBAS ALAMADAR

शेरे खुदा के शेर कहा और कहा गिजाल
नादे अली कहा और कहा हर्फे पायेमाल
शामी जबीने कुफ्र के कतराते इन्फियाल
कोसर के मालिको से करे बात ये मजाल
किनसे लड़ने के लिए आए हो
ये समझोगे देर से
जंगल में लड़ने आए हो तुम
वो भी शेर से

अजम से सब्र से एहसास से दर लगता है
जां बजा बिगड़ी हुई प्यास से डर लगता है
शाम से इस लिए करबला में नही आया यजीद
उसको जैनब तेरे अब्बास से डर लगता है

जो इम्तहाने मोहब्बत में डाले जाते है
उन्ही के सर नेजो पे चढ़ाए जाते है
हुसैन हो कासिम हो अब्बास हो
या हो अकबर ओ असगर
अली के घर में फकत शेर पाले जाते है

अर्शी फर्शी नूरी खाकी मस्त कलंदर खाते है
सदका अली के बेटो का सरदार सिकंदर खाते हे
ऐसा शरफ बक्शा है अब्बास को हसनैन की माने
हाथ वाले सदियों से बे हाथ का लंगर खाते है

खजाने की जो जीनत हो उसे अलमास कहते है
तमन्ना हो अगर पानी की उसे सब प्यास कहते है
जहा पीते है सब पानी उसे कहते है दरिया
और जो दरिया को पिलाए पानी
उसे अब्बास कहते है

अब्बास तेरा नाम भी क्या नाम है अली है
नाम लिया तेरा बला मेरी टली है
अब्बास कटे हाथो से देते है इतना
हैरत से खड़ी सखावत देख रही है

जो अपनी प्यास से लहरों को पाल सकता है
शराबे दस्त जो समंदर में डाल सकता है
कहां हुसैन ने कल में अलम उसे दुगा
बगैर बाजू जो लाशकर संभाल सकता है

जिक्रे अब्बास जब मेरे लब पे आता है
इसमें जहरा की दुआओं का असर आता है
कट गए हाथ लेकिन शेर का गुस्सा ना गया
ज़ख्म खा कर भी वो कर्रार नजर आता है
शाम की फौज को ये बात मालूम कहा थी
ये अली का वो बेटा है जिसे बगैर हाथ भी
लड़ने का हुनर आता है

कासिम हु करवाने शुजात का मीर हू
दोनो जहां में आफियत अपनी नजीर हु
हर खैबरी महाज का में कलागीर हु
तलवार का धनी हु कलम का अमीर हु
सीने में दिल है फताहे बदरो हुनैन का
बेटा हसन का हु सिपाही हुसैन का
खंजर कमर में शहे आली सिफत का
तावीज बाजू में है बाबा के हाथ का
शुजातो के सहिफो का में नतीजा हु
यही बोहोत है के में अब्बास का भतीजा हु

09. TARIF SHER IN HINDI

तारीफ उस खुदाकी जिसकी सारी खुबसूरती है
और जिसने खुबसूरती को कायनात से सजाया
काएनातको आफाक से सजाया
आफाक को आसमान से सजाया
आसमान को सितारों से सजाया
सितारों को सफेदी से सजाया
सफेदी को चमक से सजाया
चमक को दमक से सजाया
दमक को कशिश से सजाया
कशिश को जेबाई से सजाया
ज़ेबाई को सूरत से सजाया
सूरत को सीरत से सजाया
सीरत को इंसान से सजाया
इंसान को अयमाल से सजाया
अयमाल को इखलाक से सजाया
इखालक को ईमान से सजाया
ईमान को कुरान से सजाया
और कुरान को साहिबे कुरान से सजाया