Maula Ali Ki Shan Me Aashar/Sher


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01: SUNNI MAWALI

बनके तोहिद की पाकीजा कली बोलूगा
इश्क ओ वफा की हर एक कली बोलुगा
जान से मार दो यही है हल वरना
तुम जुबा काट भी दो फीट भी अली बोलूगा
ये जुबां काट दो जिस्म जां काट दो
मीदहते मुर्तजा की सजा दो मुझे
जिक्र ए शाह ए नज़फ से रुकुगा नही
चाहे सो बार सूली चढा दो मुझे
टुकड़े टुकड़े करो मेरा सारा बदन
आग रोशन करो और जला दो मुझे
जब मेरे जिस्म की खाक बन जाए ना
दोस्तों फ़िर हवा में उडा दो मुझे
एक दो दिन नही सुबह मेहशर तलक
ये सुन्नी मवाली का वादा रहा
जिस तरफ ये हवा जायेगी
या अली या अली की सदाए आएगी

02: PAYAMBAR DIKHAI DE

जो लाखो के लश्कर में तन्हा दिखाए दे
जिस शख्स की तन्हाई भी लश्कर दिखाई दे
तारीख के बाब में ऐसा दूसरा इमाम ढूंढ के लाओ
चादर जो ओढ़ ले तो पयंबर दिखाई दे
कजा भी कांप जाती है अली के एक नारे से
मुसीबत में मुहिब्बो दिल जीत जाते है
गलतफहमी तुम्हारी है के तुम हमको मिटा दोगे
हमारे यहां तो लाखो से बहत्तर जीत जाते है

03. KAUN ALI

4 खुल्फाए राशेदिन में अली, 5 पंजेतन में अली
10 अशराए मुब्बशिरा में अली, 12 इमाम में अली
313 असहाबे बद्र में अली,मिc to huसाबे मदीना में अली
गदिरे कून में अली, सुले हुदेबीया में अली
खैबर में अली, खंदक में अलीl
मेहराब पे अली है तो मिम्बर पे भी अली
काबा गवाह है दोषे पयंबर पे भी अली
हिजरत की शब हुजूर के बिस्तर पे भी अली
जन्नत अली कि मिल्क है कोसर पे भी अली
बू जर में भी अली है, तो सलमा में भी अली
आबाद दमा दम आदम के
तन तन में अली, पंजतन में अली
लफ्जो में अली, आंहो में अली
अश्को में अली, धड़कन में अली
फूलो में अली, लेहजो में अली
कलियों में अली, गुलशन में अली
सेहरा में अली, दरिया में अली, तुफां में अली
उत्तर में अली, दक्षिण में अली,
पुरब में अली, पश्चिम में अली
रीम जीम में अली, बादल में अली,सावन में अली
काबे में अली, किबले में अली
अबरार अली, अनवार अली, शाहकार अली
मुस्तफा ने फरमाया हर मोमिन का मोला है अली
हर जा अली मिलेंगे ना दामन बचाइए
बचना अगर अली से है तो जहन्नम में जाइए

04. ALI KO PUKAR SAKTA HAI

फौलाद सा दिल पत्थर सा जिगर
सब पारा पारा होता है
नाम अली का लेते है मैंदान हमारा होता है
कोई कही भी अली को पुकार सकता है
अली सभी की मुश्किले टाल सकता है
काफ़ी नहीं हर्ष में रुकु और सुजूद
अली का प्यार ही पुल से गुजार सकता है
केहदो वक्त के यजीदियो से के वो दूर हट जाए
वरना अली कब्र से निकल कर भी मार सकता है

05. YA ALI

सवारी अपनी चलती है या अली कहने के बाद
मेहफीले अपनी सजती है या अली कहने के बाद
हाथ आ जाती है जन्नत या अली कहने के बाद
खुद सवर जाती है किस्मत या अली कहने के बाद
फिर क्यूं ना एक अली वाला सो पे भारी हो
सो गुना बढ़ती है ताकत या अली कहने के बाद

06. SHER HOTA HAI

वही दिलेर दिलेर होता है
जिसके आगे जबरदस्त भी जेर होता है
ज़माने वालो ये मौला ए काईनात का खनदान है
यहां दूध पीता बच्चा भी शेर होता है
जो शख्स मेहफिले हैदर मे आ नही सकता
अली के नाम का नरा लगा नही सकता
अली के बचे अगर इजाजत न दे तो
किसी का बाप भी जन्नत में जा नही सकता

07. NAARA

मौला अली की मेहफिले सजायेगे
मुनाफिको के दिल को जलायेगे
ये और कोई नही नस्ले अबू तालिब है
अगर मैदान में आए है तो जीत कर ही जायेगे
ऐसी मेहफिलो के सदके हम नज़फ जाएंगे
बे खौफो खतर जाएंगे मौला हमे बुलाएगे
नारा अली का हर वक्त लगाते रहिए
कुछ तो ऐसे है जो ऐसे नारो से ही मर जायेगे

08. JAWAB

हवाला याद नही है किताब सोचने दो
कहा से पूछ रहे हो निसाब सोचने दो
अली की जिंदगी कोई ऐसा सवाल तो लाओ
के जब अली ने कहा हो जवाब सोचने दो
अंधेरे शब से उजाला निकाल देता है
यारसूलल्लाह अजान ऐसी आपका बिलाल देताहै
नबी के जिक्र से मिलती है रूह को ठंडक
अली का जिक्र लहू को उबाल देता है
मेरा खुदा जिसे ओजे कमाल देता है
उसे बतूल की चौखट पे डाल देता है
परखना है किसी को तो या अली केह दो
ये वो अमल है जो शजरे खगाल देता है
अली का इश्क मुकद्दर सवार देता है
अली का बुग्ज़ चेहरा बिगाड़ देता है
तू उनके जिक्र को अदना ना समझ मुनकीर
ये वो है जो एक हाथ से खैबर उखाड़ देता है

09. ALI MAULA

अली जमीनों का मौला अली ज़मानों का मौला
अली हक़ के साथ है हक़ अली के साथ है
अली जमाले दो आलम अली ज़माने सुखन
अली वकारे दिलो जां अली बहारे चमन
अली तो अजल के अंधेरो में हक़की पेहली किरन
अली वली से बुरेजा ना होना खुदा के लिए
अली तो कुव्वते बाजू है मुस्तफा के लिए
क्यू भटक रहे आके वद्दनी के लिए
अली का नाम ही काफी है रहबरी के लिए
निजात के तालिब हो तुम अबद के लिए
कभी पुकार कर देखो उन्हे मदद के लिए
सखी वही होताहै जो साहिल को कभी रद्द ना करे
अली अली ही नही जो अली मदद ना करे
दुनिया उन्ही की गुलाम होती है
जो अली का गुलाम होता है
रंग हैदर का जिसपे चड जाए
उसका तो मर के भी नाम होता है

10. ALI KEHTE HE

काशीफे कंज हबीबे अजली केहते है
आइना खाना उसे अक्स जली केहते है
इल्म के शेहेर का दरवाजा लक़ब जिसका है
जिसकी हर सांस को हिकमत की गली कहते है
जिसकी हर सांस तस्सवुफ का सबक देती है
लेहजा ए इश्क मे वालियों का वली कहते है
जिसको डूबा हुआ सूरज भी पलट कर देखे
हम उसे अपने अकीदे में अली कहते है

11. ENGLISH

चढ़ते नही जो ईश्के अली कि TRAIN मे
भूसा भरा हुआ है उसके BRAIN मे
बादे गदीर अली को पहचानना तो COMMON SENSE है
अली को छोड़ कर किसी और को मान ना NON-SENSE है
नबी ने जो कहा है ऐ मुनाफिक केह दे वो तुभी
अली को जो मानेगा शेरे खुदा उसी का जन्नत मे ENTRENCE है
बरोजे मेहशर हर एक बंदे का इश्के हैदर मे TEST होगा
जो लाएगा उसमे ज्यादा NUMBER खुदा की नजर में वोही BEST होगा
मुनाफिको को सजा मिलेगी अली का दुश्मन ARREST होगा
जो दिलसे होगा गुलामे हैदर वहा पे वो CHIEF GUEST होगा

12. KAUN ALI

अली सिर्फ नाम के अली नही
अली काम के भी अली है
अली इतने अली है
के अली का पूरा खानदान अली है
अली कि जहरा अली है अली की जैनब अली है
अली के हसन अली है अली के हुसैन अली है
अली के अकबर अली है अली के असगर अली है
अली के आबेदीन अली है अली के बाकर अली है
अली के जाफर अली है अली काजिम अली है
अली के अलीरजा अली है अली के तकी अली है
अली के नकी अली है अली के असकरी अली है
अली इतने अली है अली के मेहदी अली है
अली इतने अली है...
अली का बैठना अली है अली का उठना अली है
अली का सुनना अली है अली का बोलना अली है
अली का देखना अली है अलीका पकड़ना अलीहै
अली की खामोशी अलीहै अलीका चलना अलीहै
अली का गुलाम अली है अली की औलाद अलीहै
अली इतने अली है...
अली की नमाज अली है अली का कयाम अली है
अली का रुकु अली है अली का सजदा अली है
अली का सलाम अली है अली की दुआ अली है
अली इतने अली है...
अली की आंखे अली है अली की जुल्फे अली है
अली का चेहरा अली है अली का सीना अली है
अली का कदम अली है अली का हाथ अली है
अली का हाथ इतना अली है...
जिसको 40 मिलकर हिला ना सके
उस खैबर को अली ने
एक हाथ से उठा कर फेंक दिया वो अली है
ला फताह की शान है बिखरे हुए तेवर के साथ
कुव्वते हक्क भी मौजूद है कुव्वते हैदर के साथ
वो तो यूं कहिए के दरवाजा शिकस्ता रेह गया
वरना दिवारे भी खींच आती दरे खैबर के साथ