अली के लाल है जो गरीबों को पाल लेते है जो गिरते है उन्हें वो संभाल लेते है मेरे गौस पाक को अल्लाह ने वो मर्तबा दिया है के मेरे गौस कब्र से मुर्दा जिंदा निकाल देते है दिलो से दर्द के कांटे निकाल देता है बस उनका एक नारा मुसीबत टाल देता है मे कादरी हु मेरा पीर गॉसे आजम है जो एक पल में बारा साल की डूबी कश्ती निकाल देता है
दिल की आखों से काम लेता हु उन के दामन को थाम लेता हु दूर होती है मेरी सारी मुश्किलें जब में गोसे आजम का नाम लेता हु कभी मुश्किल से भी मुश्किल मेरे घर नहीं आती ठहर जाती है दरवाजे से कभी अंदर नही आती लिखा है जबसे मेने दरवाजे पे या गोस अल मदद बलाए सर पटकती है सर पर नही आती
किसी को दुनिया की दौलत मिली है किसी को ज़माने की हुकूमत मिली है हमे अपने मुक्कदर पे नाज़ है के हमे गैसे आजम की निस्बत मिली है गर नही मिलता दरे मेहबुबे सुबहानी मुझे कोसती रेहती कयामत तक ये पेशानी मुझे ए जहन्नम जलते जलते ठंडे दिल से गौर कर क्या बचा सकते नही गौसे जिलानी मुझे हम जिनको अपना पीर केहते है ज़मानेवाले उन्हें पिराने पीर केहते है जो जलने वाले है वो जल जल के मीट जाते है जो केहने वाले है उन्हें दस्तगीर केहते है
जीतने डॉलर में बिका करते हैं दिन फरोख्त उतना तो हम नामे मुहम्मद पे लूटा देते है साल भरमे छपती है बीदअत की किताबे जीतने उतना तो हम मोहर्रम में बच्चो को खिला देते है ऐहले सुन्नत जिसे दिलसे दुआ देते है उसकी सोई हुई तकदीर जगा देते है जीतने पैसों में बनते है जाकिर नाइक उतना तो हम गौस के जंडो में लगा देते है इश्के गौस में जो लोग पीगल जाते है बचके वो सारी मुसीबत से निकल जाते है हमसे होशियार रहे ये सारे ज़माने वाले गौस के कुत्ते है शेरो को निगल जाते है
शाहो से पूछिए ना राजा से पूछिए क्या मर्तबा है गौस का ख्वाजा से पूछिए फूलो से आती है ना तो गुलशन से आती है खुशबू नबी की गौस के दामन से आती है मदीना गौसे आजम का है काबा गौसे आजम का सभी वलियों के कंधे परहै तलवा गौसे आजम का नबी के दिन की खातिर बहा जो खून करबल में उसी खूने हुसैनी से है रिश्ता गौसे आजम का ना मुझको तू दिखा आंखे क्या तुझे नहीं मालूम हजारों शेर पर भारी है कुत्ता गौसे आजम का मोइनुद्दीन चिश्ती जिसको कहता है जहां सारा वह सुल्तान भारत का दुलारा गौसे आजम का जो एक राई के दाने में ये दुनिया देख लेते हैं उसी से जान लो कैसा है रुतबा गौसे आजम का