Madina Sharif

कुछ ऐसा कर दे मेरे किर्दगार आंखों में तजमीन नात लिरीक्स

तड़प है दिल में तो है इंतजार आंखों में
ये शौके दीद रहे बार-बार आंखों में
करार आए मेरी बेकरार आंखों में
*कुछ ऐसा कर दे मेरे किर्दगार आंखों में
हमेशा नक्श रहे रुए यार आंखों में*

छुपे हैं जुर्म मेरी शर्मसार आंखों में
सजा का खौफ है इस अश्कबार आंखों में
अंधेरा छाने लगा बार-बार आंखों में
*वो नूर दे मेरे परवरदिगार आंखों में
के जलवा कर रहे रुख की बहार आंखों में*

सदा नवाजा है मुझको मेरे तसव्वुर ने
सिमट दिए है सभी फासले तसव्वुर ने
हसीन जलवा दिखाया मुझे तसव्वुर ने
*करम यह मुझ पे किया है मेरे तसव्वुर ने
क्या आज खींच दी है तस्वीरे यार आंखों में*

नजर ना आए तो बेनूर सी है ये आंखें
दिखाई दे तो बड़ी कीमती है ये आंखें
नजारे सारे अगर कर चुकी है ये आंखें
*उन्हें ना देखा तो किस काम की है ये आंखें
कि देखने की है सारी बहार आंखों में*

लहद में जिस घड़ी सरकार की जियारत हो
जुबां पर नात के अशआर हस्बे आदत हो
वहां जवाब में यह शेर पेशे खिदमत हो
*फरिश्तों पूछते हो मुझसे कि किसकी उम्मत हो
लो देख लो यह है तस्वीरे यार आंखों में*

वफा की राह में ऐसी कभी डगर आए
मेरे नसीब में खाके कदम अगर आए
मलू गुबाल तो आंखों में ये असर आए
*अजब नहीं के लिखा लोह का नजर आए
वह नक्शे पां का लगालूं गुबार आंखों में*

तुफैले पीर अता जाम हो मुझे साकी
तमाम उम्र नशा जाम का रहे बाकी
मचल के इश्क में नगमा सुनाए रजवी
*पिया है जाने मोहब्बत जो आपने नूरी
हमेशा इसका रहेगा खूमार आंखों में*