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कितने है जीशान मदीने वाले नात लिरीक्स

रूहे कौनैन है कुरबान मदीने वाले
कितने है जीशान मदीने वाले।

रिफ्अते औजे हर इम्कान मदीने वाले
हासिले सन्अते रहमान मदीने वाले।

मैं भी पहुचूँ कभी तैबा में मिखारी बनकर
मेरे दिल में है ये अरमान मदीने वाले

किस तजम्मुल से सरे अर्शे बरी पहुँचे हैं,
बनके अल्लाह के मेहमान मदीने वाले

मेरी जानिब भी कभी उट्ठे इनायत की नज़र,
मेरी मुश्किल भी हो आसान मदीने वाले

सैले तूफाने हवादिस का हमें क्या खतरा
जब हमारे है निगहबान मदीने वाले।

मिदहते पाक में दे अपनी जबाँ को जुम्बिश,
आदमी का नहीं इम्कान मदीने वाले।

रहमतें आपने बरसाई गुनहगारों पर,
आपका कितना है एहसान मदीने वाले

मोमीन दिल है मेरा रोज़े जज़ा से महज़र,
मेरी बख्शीश के है सामान मदीने वाले