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कमली ओढ़ने वाले नात लिरीक्स

इलाजे हर बलाए गम हैं कमली ओढ़ने वाले,
मेरे मानिस मेरे हमदम है कमली ओढ़ने वाले

करम की इक नजर कर दीजिये सदका नवासों का,
सितम दुनियों के अब पैहम है कमली ओढ़ने वाले

हुए है मुन्अकिस हुस्नोकबा के ज़ाविये जिसमें,
वही आईनए आलम है कमली ओद़ने वाले

ज़े आदम ताबईसा हर नबी ने ये शहादत दी,
खुदा के बाद बस आज़म है कमली ओढ़ने वाले

उसी दर पे बुला लीजे खुदारा अब तो महज़र को,
जहाँ सब की जबीनें खम है कमली ओढ़ने वाले