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जब के कुरान की तफ्सीर है सीरत तेरी नात लिरीक्स

जब के कुरान की तफ्सीर है सीरत तेरी क्यों न अल्लाह की ताअत हो इताअत तेरी

तेरे साए से न मैं गुम्बदे खजरा हटता, मेरी किस्मत में जो होती कहीं कुरबत तेरी

इक गुनहगार का दिल और तेरे महबूब की याद, वाकई है मेरे अल्लाह इनायत तेरी

आस्मा हो के ज़मीं हो के सरे अर्शे बरीं, मेरे आका है हर इक शै पे हुकूमत तेरी

तेरे दिल में है अगर इश्के मोहम्मद मेहजर, तो खुदा तेरा नबी तेरे हैं जन्नत तेरी