لَآ اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ مُحَمَّدُ رَّسُوْلُ اللّٰهِ َ
Laa Ilaaha Illal Lahoo Mohammadur Rasool Ullah.
ला इलाहा इल्लाहु मुहम्मदुर्र सूलुल्लाह
नहीं कोई मआबूद (इबादत के लायक़) सिवाये अल्लाह के और मुहम्मद सल्ल ० अल्लाह के बंदे और रसूल (पैगम्बर) है ।
اَشْهَدُ اَنْ لَّآ اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ وَحْدَهُ لَا شَرِيْكَ لَهُ وَاَشْهَدُ اَنَّ مُحَمَّدًا عَبْدُهُ وَرَسُوْلُهُ
Ashahado An Laa ilaaha illal Laho Wahdahoo Laa Shareeka Lahoo Wa Ash Hado Anna Mohammadan Abdo Hoo Wa Rasoolohoo.
अशहदु अल्ला इलाहा इल्लल-लाहु वह-दहू ला शरीका लहू वा अशहदु अन्ना मुहम्मदन अब्दुहू वा रसूलुह
मै गवाही देता / देती हु के अल्लाह के सिवा कोई इबादत के लायक़ नहीं वो अकेला है उसका कोई शरीक नहीं और मै गवाही देता / देती हु के बेशक मुहम्मद सल्ल ० अल्लाह के बंदे और रसूल है ।
سُبْحَانَ اللّٰهِ وَالْحَمْدُ لِلّٰهِ وَلَآ اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ وَاللّٰهُ اَكْبَرُ وَلَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ اِلَّا بِاللّٰهِ الْعَلِىِّ الْعَظِيْمِ
Subhanallahe Wal Hamdulillahe Wa Laa ilaha illal Laho Wallahooakbar. Wala Haola Wala Quwwata illa billahil AliYil Azeem.
सुबहानल्लाही वल-हमदु लिल्लाहि वला इलाहा इल्लल-लाहु वल्लाहु अकबर वला हउला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाहिल अलि-यिल अज़ीम
अल्लाह पाक है और सब तारीफ़े अल्लाह ही के लिए है । अल्लाह के सिवा कोई मआबूद नहीं अल्लाह बहुत बड़ा है , गुनाहों से बचने की ताकत और नेक काम करने की तौफीक नहीं मगर अल्लाह की तरफ से जो बहुत बुलंद और अजमत वाला है ।
لَآ اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ وَحْدَهُ لَا شَرِيْكَ لَهُ لَهُ الْمُلْكُ وَلَهُ الْحَمْدُ يُحْيِىْ وَيُمِيْتُ وَهُوَ حَىُّ لَّا يَمُوْتُ اَبَدًا اَبَدًا ذُو الْخَلَالِ وَ الْاِ كْرَامِ بِيَدِهِ الْخَيْرُ وَهُوَ عَلٰى كُلِّ شَىْءٍ قَدِيْرُ
Laa ilaha illal Lahoo Wahdahoo Laa Shareekalahoo Lahul Mulko Walahul Hamdo Yuhee Wa Yumeeto Wa Hoa Haiy Yul La Yamooto Abadan Abada Zul Jalali Wal ikraam Beyadihil Khair. Wa hoa Ala Kulli Shai In Qadeer.
ला इलाहा इल्लल-लाहु वह-दहू ला शरीका लहू लहुल मुलकु वला हुल हमदु युह-यी वयु मीतु वहुवा हययुल ला यमूतु अबादन अबादा ज़ुल जलाली वल इकराम बियादिहिल खैर वहुवा अला कुल्ली शै-इन क़दीर
अल्लाह के सिवा कोई मआबूद नहीं वो अकेला है उसका कोई शरीक नहीं उसी के लिए बादशाहत है और उसी के लिए तारीफ है । वही जिंदह करता है और वो ही मारता है और वो जिंदा है उसको कभी मौत नहीं आएगी । वो हमेशा-हमेशा रहेगा बड़े जलाल और बुज़ुर्गी वाला है , उसके हाथ मे नेकी है और वो तमाम अश्या (असबाब) पर क़ादिर है ।
اَسْتَغْفِرُ اللّٰهَ رَبِّىْ مِنْ كُلِّ ذَنْبٍ اَذْنَبْتُهُ عَمَدًا اَوْ خَطَاً سِرًّا اَوْ عَلَانِيَةً وَّاَتُوْبُ اِلَيْهِ مِنَ الذَّنْبِ الَّذِىْٓ اَعْلَمُـ وَ مِنَ ذَّمْبِ الَّذِىْٓ لَآ اَعْلَمُ اِنَّكَ اَنْتَ عَلَّامُ الْغُيُوْبِ وَسَتَّارُ الْعُيُوْبِ وَغَفَّارُ الذُّنُوْبِ وَلَا حَوْلَ وَلَا قُوَّةَ اِلَّا بِاللّٰهِ الْعَلِىِّ الْعَظِيْمِ
Astaghfirullah Rabbi Min Kullay Zambin Aznabtuho Amadan Ao Khat An Sirran Ao Alaniatan Wa Atoobo ilaihe Minaz Zambil Lazee Aalamo Wa Minaz Zambil Lazee La Aalamo innaka Anta Allamul Ghuyoobi Wa Sattaarul Oyobi Wa Ghaffaruz Zunoobi Wala Haola Wala Quwwata illa billahil AliYil Azeem.
असतग़-फिरूल-लाहा रब्बी मिन कुल्ली ज़मबिन अज़नबतुहू अमादन औ खताअन सिररन औ अला-नियतौ वा अतूबू इलैहि मिनज़-ज़मबिल लज़ी आलमु व-मिनज़-ज़मबिल लज़ी ला आलम इननका अनतल अललामुल ग़ुयूब वसत्तारुल ऊ-यूब वा-ग़फ़फारूज़ ज़ुनूब वला हउला वला क़ुव्वता इल्ला बिल्लाहिल अलि-यिल अज़ीम
मै अल्लाह से माफी माँगता/मांगती हु जो मेरा रब है हर गुनाह से जो मैंने जान बूझकर किया या भूले से किया छुपकर किया या ज़ाहिरन (दिखाकर) किया और मै इसकी बारगाह मे तौबा करता/करती हु । उस गुनाह से जिसको मै जानता/जानती हु और उस गुनाह से भी जिसको मै नहीं जानता/जानती हु । ऐ अल्लाह बेशक तु ग़ैबों का जानने वाला और ऐबों को छुपाने वाला और गुनाहों को बख्शने वाला है । गुनाहों से बचने की ताकत और नेक काम करने की कुव्वत नहीं मगर अल्लाह की मदद से जो बहुत बुलंद अजमत वाला है ।
اَللّٰهُمَّ اِنِّىْٓ اَعُوْذُ بِكَ مِنْ اَنْ اُشْرِكَ بِكَ شَيْئًا وَّاَنَا اَعْلَمُ بِهٖ وَاَسْتَغْفِرُكَ لِمَا لَآ اَعْلَمُ بِهٖ تُبْتُ عَنْهُ وَتَبَرَّاْتُ مِنَ الْكُفْرِ وَالشِّرْكِ وَالْكِذْبِ وَالْغِيْبَةِ وَالْبِدْعَةِ و النَّمِيْمِةِ وَالْفَوَاحِشِ وَالْبُهْتَانِ وَالْمَعَاصِىْ كُلِّهَا وَاَسْلَمْتُ وَاَ قُوْلُ لَآ اِلٰهَ اِلَّا اللّٰهُ مُحَمَّدُ رَّسُوْلُ اللّٰهُ
Allah Humma inni Aaoozubika Min An Oshrika Beka Shai Aown Wa Anaa Aalamo Behi Wa Astaghfiroka Lima laa Aalamo Behi Tubtu Anho Wa Tabarrato Minal Kufri Washshirki Wal Kizbi Wal Jheebati Wal Bidaati Wan Nameemati Wal Fawahishi Wal Bohtani Wal Maasi Kulliha Wa Aslamtoo Wa Aamantoo Wa Aqoolo Laa ilaaha illal Lahoo Mohammadur Rasool Ullah.
अल्लाहुम्मा इन्नी आऊज़ुबिका मिन-अन उशरिका बिका शईआ वा अना आलमु बिही वा-असतग़फ़िरूका लिमा ला आलमु बिही तुबतु अनहु वता-बररातू मिनल कुफ़री वश-शिरकी वल किज़बी वल ग़ीबति वल बिद-अति वन-नमीमती वल फवाहिशी वल बुहतानी वल मआसी कुललिहा व असलमतु वा अकूलु ला इलाहा इल्लल-लाह मुहममदुर रसूल-लुल-लाह
ऐ अल्लाह बेशक मै तेरी पनाह माँगता/मांगती हु । इससे के मै जानते हुए किसी शेय को तेरा शरीक बनाऊ और बख्शीश माँगता/मांगती हु इसकी जिसको मै नहीं जानता/जानती हु और मैंने उससे तौबा की और मै बेज़ार हुआ/हुई कुफ़र से और शिरक से और झूट से और ग़ीबत से और बिदत से और चुग़ली से और बे हयाइयों से और बुहतान से और तमाम गुनाहों से । मै इस्लाम लाया/लाई हु और मै कहता/कहती हु के अल्लाह से सिवा कोई मआबूद नहीं और मुहम्मद रसूल अल्लाह सल्ल० अल्लाह के रसूल है ।
اٰمَنْتُ بِاللّٰهِ كَمَا هُوَ بِاَسْمَآئِهٖ وَصِفَاتِهِ وَقَبِلْتُ جَمِيْعَ اَحْكَامِهٖ اِقْرَارُمْ بِالِّسَانِ وَتَصْدِيْقُمْ بِالْقَلْبِ
Amantu billahi kama huwa bi-asma-ihi wa sifatihi waqa biltu zami-aa ahkamihi ikrarum bil-lisaan wa Tasdeekum Bil Qalb
आमन्तु बिल्लाही कमा हुवा बि-अस्मा-इही वा सिफातिही वक़ा बिलतु जमी-आ अहकामिही इकरारुम बिल-लिसान वा तसदीकुम बिल क़ल्ब
ईमान लाया/लाई मै अल्लाह पर जैसा की वो अपने नामों और सिफ्तों के साथ है और मैंने उसके तमाम अहकाम कुबूल किए ज़बान से इकरार करते हुए और दिल से तसरीक करते हुए
اٰمَنْتُ بِاللّٰه وَملَٓئِكَتِهٖ وَكُتُبِهٖ وَرُسُلِهٖ وَالْيَوْمِ الْاٰخِرِ وَالْقَدْرِ خَيْرِهٖ وَشَرِّهٖ مِنَ اللّٰهِ تَعَالٰى وَالْبَعْثِ بَعْدَ الْمَوْتِ
Amantu billahi wa malaika-tihi wa kutubihi wa rusulihi wal yomil aakhiri wa qadri khairihi wa shar-rihi minallahi ta'ala wal baasi Badal Maut
आमन्तु बिल्लाही वा मलाइका-तिही वा कुतुबिही वा रुसूलीही वल यौमिल आखिरि वल क़दरी खैरिही वा शर-रिही मिनल्लाहि तआला वल बअसि बअदल मौत (आठवां कलमा)
ईमान लाया/लाई मै अल्लाह पर और उसके फरिश्तों पर और उसकी किताबों पर और उसके रसूलों पर और क़यामत के दिन पर और उसपर की अच्छी और बुरी तकदीर अल्लाह की तरफ से होती है और मौत के बाद उठाए जाने पर ।